नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा का विधान होता है। माँ कूष्माण्डा को सृष्टि की रचयिता और ब्रह्मांड की उत्पत्तिकर्ता माना जाता है। देवी कूष्माण्डा को सृष्टि की आदिस्वरूपा माना जाता है, जिनकी मुस्कान से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। ‘कूष्माण्डा’ शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है – “कू” का अर्थ छोटा, “उष्मा” का अर्थ गर्मी या ऊर्जा, और “अण्ड” का अर्थ ब्रह्मांड होता है। इसका अर्थ है वह देवी जिन्होंने छोटी सी ऊर्जा से ब्रह्मांड की रचना की।